ब्रेन-ड्रेन
आज सुबह से ही मधुवन में जाने कैसी हवा चली है। हर कनेर बीमार पड़ा है मुरझाई प्रत्येक कली है। …
Read Moreगुलाब से बातचीत
आज भोर के समय टहलते हुए अचानक पेरों तले दबे गुलाब की आह सुनी तो पँजा ऊँचा किये तनिक-सा मैं …
Read Moreअलंकार शर्मा
डा0 अशोक शर्मा अपने समय के एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व थे। वे अपने पूर्वजों की परम्परा के नायक और वाहक रहे …
Read Moreडा० राजेश कुमार
डा0 अशोक शर्मा का जन्म 9 अक्टूबर 7947 ईै0 को हाथरस (ण४प्र0) में हुआ। आपके प्रिता पण्डित बैजनाथ शर्मा, गणित, …
Read Moreवे बिन वे लोग
कहाँ हैं वे दिन’ जब कोयलें गाती थीं भौरे झूमते थे । कहाँ हैं वे लोग जो सुबह से शाम …
Read Moreरेखा और बिन्दु
हम दोनों एक ही रेखा के दो अन्त बिन्दु जेसे एक दूसरे से दूर बहुत दूर हैँ किन्तु, दोनों के …
Read Moreसावनी हवाओं से
सावनी हवाओं से आँख हुई नम | जी हाँ ! यह जीवन भी जीते हैं हम ॥ पथरीली भूमि और …
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