लिफाफा देखते हो
लिफाफा देखते हो खत का मजमू् भापने की तमीज् ऐक दिन में ही नहीं आती, वर्षो खत वाँचने पड़ते हैं।आदमी …
Read Moreबड़ा रोमाञ्चका री होता है
बड़ा रोमाञ्चका री होता है अनायास किसी नन्हीं-सी झील में फ़िसल जाना उसकी गहराइयों में डूबना-उतराना, किनारे पर आना और …
Read Moreनींव के पत्थर,
हम,महल की नींव के पत्थर, अगर पूजे नहीं जाते शिखर की भाँति तो क्या फके पड़ता है। सभी दीवाल, छत, …
Read Moreबढ़-बढ़ कर मत बोलो,
बढ़-बढ़ कर मत बोलो, बादल वढ़ बढ़ कर मत बोलो । पहले खुद को तोलो बादल – पहले खुद को …
Read Moreराहों का पत्थर
अब तक जो राहों का पत्थर कह जाते थे कल वे ही मेरा वन्दत करने आएंगे । आज अगर मैं …
Read Moreरहते हैं नीम .के तले।
. रहते हैं नीम .के तले। हम जैसे दूध के जले ॥ : अपना था दोषः बस यही , खाया …
Read Moreनोचे तपतो रेंत
नोचे तपतो रेंत और ऊपर सूरज की आग। जलती हुई हवाए डेसती जेसे काले नाग ॥ हुई हवाए ऐसे में …
Read Moreकमल सरीखी सूरत
कमल सरीखी सूरत बातें चुभती नागफनती। मुझको रही शिकायत दुनियाँ तुझसे बस इतनी ॥ केले को संगत बेरों की पीपल …
Read Moreएक शब्द भर हुआ
एक शब्द भर हुआ कि लहरें दौड़ गईंतट की काई तक | लेकिन मैं बेखबर दूबता गया सिरधुं कींगहराई तक …
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