हम,महल की नींव के पत्थर,
अगर पूजे नहीं जाते शिखर
की भाँति तो क्या फके पड़ता है।
सभी दीवाल, छत, छज्जों,
करों के बहुत नीचे दबे हैं
तो हमारा क्या बिगड़ता है ॥
हम महल की नींव के पत्थर ।
हमें यह ज्ञात है यह भव्यता,
यह उच्चता, नुकुलित विशद
हम महल की नींव के पत्थर ।
किसी की राह के रोड़े नहीं हैं,
ठोकरों से ब्यथे कोई हमें
लुढ़काता नहीं है’या कि कोई
राह चलता देखकर हमको
घृणा से ओंठ बिचकाता नहीं है
हम महल की नींव के पत्थर ।
हिलेंगे जब,महल ढ़ह जांयगे
सारे सभो दीवाल,छत,छज्जे,
करगूरे गीत गाएगे हमारे।
हम महल की नींव के पत्थर |
हिलेंगे जब, महल ढ़ह जांयगे
सारे सभो दीवाल,छत,छज्जे,
कर्गूरे गीत गाएगे हमारे। हम
महल की नींव के पत्थर |
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